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Wednesday, March 26, 2014

निगाहों में तुम हो..ख़यालों मैं तुम हो

निगाहों में तुम हो..ख़यालों मैं तुम हो|
You are in my sight .. you are in my thoughts
यह जन्नत नही है..तो फिर और क्या है| 2
what else is it.. if its not a heaven..

मेरे दिल को जो दर्द ..तुमने दिया है| 2
the pain that you have given to my heart
मोहब्बत नही है .. तो फिर और क्या है..
 what else is it.. if its not love..

निगाहों में तुम हो..ख़यालों में तुम..
यह जन्नत नही है..तो फिर और क्या है...


मेरे आसूओं की तरफ अब ना देखो..2
निगाहे मिला के..नज़र फेर लेना ..
कयामत नही है .. तो फिर और क्या है|
ख़यालों में तुम हो.. यह जन्नत नही है.. तो फिर और क्या है...

मेरे दिल पे बिजली गिराई है तूने.. अब इस बात से मन ग़लत हो रहा है.
यॅ तेरी निगाओं की..है ह्सने वाले... शरारत नही है तो फिर और क्या है.
निगाहों में तुम हो..ख़यालों में तुम हो.. यह जन्नत नही है.. तो फिर और क्या है...


शराब-ए-मोहबात पिलाई है तूने...2
मेरी ज़िंदगी जगमगाई है तूने..
अभी तक में सहरा..यह साकी है मुझ पर.. इनायत नही है तो फिर क्या है-2
ख़यालों में तुम हो..यह जन्नत नही है.. तो फिर और क्या है...
निगाहों में तुम हो..